या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमो नमः । माँ भगवती आप सब के जीवन को अनन्त खुशियों से परिपूर्ण करें ।
मेरे नैसर्गिक कर्तव्य ओर उनका निर्वहन ! मातृ ऋण, पितृ ऋण, गुरु ऋण